आज घटस्थापनेप्रीत्यर्थ आई अंबाबाईच्या चरणी लक्ष प्रणाम . एक गोंधळ या दिवशी देत आहे.
आई उदे ग अंबे उदे, उदे
आई उदे ग अंबाबाई !
उदे उदे ग अंबाबाई । गुणगान लेकरू गायी ।।
आई उदे ग अंबाबाई ।।
तुळजापूरची तुकाई आई ..... गोंधळा ये।
कोल्हापूरची लक्षुमी आई ..... गोंधळा ये।
मातापूरची रेणुका आई ..... गोंधळा ये।
आंबेजोगाई जोगेश्वरी ..... गोंधळा ये।
गुणगान लेकरू गायी।
आई उदे ग अंबाबाई ।।
आईची मूर्ति स्वयंभुवरि शोभली, सिंव्हावरी साजरी।
सिंव्हावरी साजरी, हिऱ्यांचा किरिट घातला शिरी।
चंडमुंड महिशासूर आईनं धरून रगडला पायी।
आई उदे ग अंबे उदे, उदे।
गुणगान लेकरू गायी ।आई उदे ग अंबाबाई ।।
आला नवरात्राचा महिना, आळवावा आईचा महिमा।
आळवावा आईचा महिमा, त्याला काय सांगावी उपमा ?
अहो येळ साधुनी खेळ मांडिला आशिर्वाद दे आई।
आई उदे ग अंबाबाई।
गुणगान लेकरू गायी।
आई उदे ग अंबाबाई ।।
शिवछत्रपतींची शिवाई..... गोंधळा ये।
शाहुराजश्रींची अंबाई..... गोंधळा ये।
विदर्भनिवासिनी चंडी आई..... गोंधळा ये।
महाराष्ट्र कुलस्वामिनी आई..... गोंधळा ये।
गुणगान लेकरू गायी।आई उदे ग अंबाबाई ।।
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